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दिल्ली में सोने ने तोड़े सारे रिकॉर्ड: ₹1.23 लाख प्रति 10 ग्राम पहुंचा भाव

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भारत में सोना केवल एक कीमती धातु नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और निवेश का प्रतीक है। दिल्ली जैसे महानगर में सोने की मांग हमेशा ऊंची रहती है—चाहे शादी-ब्याह का सीजन हो या त्योहार का समय। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिससे आम उपभोक्ताओं और निवेशकों के बीच चिंता और चर्चा दोनों बढ़ गई हैं।

दिल्ली में आज की सोने की कीमत: एक झलक

  • दिल्ली में 24 कैरेट सोना की कीमत लगभग ₹1,23,300 प्रति 10 ग्राम पहुँच गई है, जिसमें आज ₹2,700 की बढ़ोतरी हुई है।

  • पूर्व के रिकॉर्डों के मुताबिक, सोने ने पहले ही नई ऊँचाई छू ली थी — जैसे कि ₹1,21,000 के पार जाना।

  • हालांकि, हाल ही में कीमतों में हल्की गिरावट भी देखने को मिली है — उदाहरण के लिए, दिल्ली में सोने का भाव ₹1,20,600 का रुझान भी दिखा है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि आजकल दिल्ली में सोना अपने ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तरों पर कारोबार कर रहा है और नियमित दिन प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल रहे हैं।

क्यों इतनी तेजी? — उठते कारण

सोने की कीमतों में इस तरह की तेजी के कई कारण हैं, जिनमें कुछ विदेशी (इंटरनेशनल) और कुछ देशज (डोमेस्टिक) कारक शामिल हैं:

1. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता

अमेरिका में सरकारी बंदी, ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता, यूरोप और मध्य-पूर्व में तनाव — ये सभी निवेशकों को सुरक्षित आश्रय (safe-haven) की ओर धकेल रहे हैं। सोना इस समय एक प्रमुख सुरक्षित विकल्प बन गया है।

2. रुपये की कमजोरी

जब भारतीय रुपये की तुलना में डॉलर मजबूत होता है, तो आयातित सोने की लागत भारत में बढ़ जाती है। इस वजह से सोने की कीमतें स्वाभाविक रूप से ऊँची हो जाती हैं।

3. त्योहारी और शादी-सियासत

अक्टूबर–दिसंबर का समय, जिसमें दशहरा, दिवाली और शादी-ब्याह की धूम होती है, सोने की आभूषण मांग को बढ़ा देता है। मांग बढ़ने से कीमतों पर दबाव बनता है।

4. निवेशक और institutional खरीद

निवेशक अब सोने को केवल आभूषण नहीं, बल्कि निवेश की वस्तु मान रहे हैं — गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड और सोने के बॉन्ड्स में पैसे लगाना बढ़ गया है। इसके अलावा, कई देशों के केंद्रीय बैंक भी सोने का स्टॉक बढ़ा रहे हैं

5. लाभ लेने की क्रिया (Profit Booking) और तकनीकी कारक

जब कीमतें बहुत तेजी से बढ़ती हैं, तो कुछ निवेशक मुनाफ़ा निकालने लगते हैं। बाजार तकनीकी संकेत, सपोर्ट-रेज़िस्टेंस स्तर भी कीमतों को ऊपर-नीचे करते हैं। उदाहरण स्वरूप, कुछ दिन पहले कीमतों में गिरावट का लक्षण भी दिखा था।

सोने की बढ़ी हुई कीमतों का असर

● आम खरीददारों पर दबाव

अब पारंपरिक गहने बदलवाना, सोना खरीदना, त्योहारी उपहार देना — ये सब अधिक महँगा हो गया है। ऐसे में कई ग्राहक खरीद को टाल रहे हैं या पुराने गहनों को पिघलवाकर नए डिज़ाइन बना रहे हैं।

● ज्वेलर्स और रिटेलर्स का असर

फुटफॉल (दुकान पर आने वाले ग्राहक) में कमी आ सकती है। लेकिन कुछ हिस्से में निवेशकों का रुझान बढ़ने से “शुद्ध निवेश ग्राहक” की संख्या बढ़ सकती है।

● निवेशकों की स्थिति

जो लोगों ने पहले सोना खरीदा हुआ है, उन्हें अच्छा रिटर्न मिल रहा है। नए निवेशक इस तेजी से आकर्षित हो सकते हैं, लेकिन उन्हें सावधानी बरतनी होगी क्योंकि कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है।

क्या आगे यह उछाल जारी रहेगा?

  • अगर अंतरराष्ट्रीय तनाव बना रहता है और डॉलर मजबूत बना रहता है, तो सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।

  • फेडरल रिजर्व यदि ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोने की आकर्षकता बढ़ सकती है।

  • घरेलू मांग — त्योहारों और शादियों के कारण — अभी और आगे भी बनी रह सकती है।

दिल्ली में आज सोने की कीमतें अपने इतिहास के उच्चतम स्तरों पर पहुँची हैं, और यह एक संकेत है कि आर्थिक, वैश्विक और घरेलू कारक मिलकर इस तेजी को प्रेरित कर रहे हैं।

लेकिन यह भी सच है कि हर उछाल अनवरत नहीं रहता। अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो दो बातें ध्यान रखें:

  1. अच्छा होगा कि आप धीरे-धीरे निवेश करें — समय-समय पर खरीदें, न कि एक बार में बहुत सारा निवेश करें।

  2. यदि कीमतों में गिरावट आती है, तो वह समय “डोल” लेने का अवसर हो सकता है।

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