गर्दन के दर्द को हल्के में न लें – जानें सर्वाइकल के लक्षण और उपचार
आज के समय में सर्वाइकल दर्द (Cervical Pain) एक आम समस्या बन चुकी है। पहले यह बीमारी केवल बुज़ुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब 25 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में भी यह तेजी से बढ़ रही है। लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर पर झुककर काम करना, गलत मुद्रा में बैठना और तनावपूर्ण जीवनशैली इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। आइए जानते हैं सर्वाइकल दर्द क्या है, इसके लक्षण, कारण और घरेलू उपाय जो राहत दिला सकते हैं।
सर्वाइकल दर्द क्या है?
सर्वाइकल दर्द या “गर्दन का दर्द” (Cervical Spondylosis) एक ऐसी समस्या है जो गर्दन की हड्डियों, नसों और मांसपेशियों में तनाव या सूजन के कारण होती है। हमारी गर्दन में सात कशेरुकाएँ (C1 से C7) होती हैं, जो सिर को सहारा देती हैं। जब इन कशेरुकाओं में किसी कारण से घिसावट, सूजन या दबाव बढ़ जाता है, तो सर्वाइकल दर्द होता है।
सर्वाइकल दर्द के प्रमुख कारण
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गलत मुद्रा में बैठना:
लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप को झुककर देखने से गर्दन पर दबाव बढ़ता है। -
लंबे समय तक वाहन चलाना:
बाइक या स्कूटर चलाते वक्त सिर झुकाए रखने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है। -
तकिए का गलत उपयोग:
बहुत ऊँचा या बहुत नीचा तकिया इस्तेमाल करने से गर्दन की हड्डियों पर गलत असर पड़ता है। -
बढ़ती उम्र:
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियाँ कमजोर होती हैं और सर्वाइकल के लक्षण बढ़ने लगते हैं। -
तनाव और कमजोरी:
मांसपेशियों की कमजोरी और मानसिक तनाव भी गर्दन के दर्द का कारण बनते हैं। -
कैल्शियम और विटामिन D की कमी:
शरीर में पोषक तत्वों की कमी से हड्डियाँ और जोड़ों में दर्द होने लगता है।
सर्वाइकल दर्द के लक्षण
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गर्दन में लगातार दर्द या अकड़न
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कंधों, बाजू या हाथों में सुन्नपन
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सिरदर्द या चक्कर आना
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गर्दन को हिलाने में कठिनाई
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झुकने या मुड़ने पर दर्द बढ़ना
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कभी-कभी उंगलियों में झनझनाहट महसूस होना
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
सर्वाइकल दर्द से राहत के घरेलू उपाय
1. गर्म सिंकाई (Hot Compress):
गर्दन पर गर्म पानी की थैली से 10-15 मिनट तक सिंकाई करें। यह मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और रक्त संचार बढ़ाता है।
2. ठंडी सिंकाई (Cold Compress):
यदि दर्द सूजन के कारण है, तो बर्फ से ठंडी सिंकाई करें। इससे सूजन कम होती है।
3. हल्का व्यायाम (Neck Exercises):
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सिर को धीरे-धीरे दाएँ-बाएँ घुमाएँ।
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ऊपर-नीचे हल्का झुकाएँ।
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कंधों को ऊपर-नीचे करें।
ये योगासन और एक्सरसाइज़ गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।
4. योगासन (Yoga for Cervical):
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भुजंगासन (Cobra Pose)
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मकरासन (Crocodile Pose)
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ताड़ासन (Mountain Pose)
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मरजारीआसन (Cat Pose)
नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से सर्वाइकल दर्द में काफी राहत मिलती है।
5. हल्दी वाला दूध:
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रात को सोने से पहले हल्दी दूध पीने से दर्द और सूजन दोनों में राहत मिलती है।
6. मेथी के दाने:
मेथी को भिगोकर सुबह चबाने से शरीर में सूजन कम होती है।
7. सरसों का तेल और लहसुन:
सरसों के तेल में लहसुन डालकर गर्म करें और इससे गर्दन की हल्की मालिश करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द कम होता है।
8. सही तकिया और मुद्रा:
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सोते समय तकिया न ज्यादा ऊँचा रखें, न बहुत नीचा।
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कंप्यूटर स्क्रीन को आँखों के लेवल पर रखें।
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मोबाइल को झुककर न देखें।
आहार में सुधार करें
सर्वाइकल दर्द से राहत के लिए खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है।
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कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियाँ खाएँ।
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विटामिन D के लिए सुबह की धूप में 15 मिनट जरूर बैठें।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ जैसे अलसी के बीज और अखरोट का सेवन करें।
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जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक से बचें।
आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय
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अश्वगंधा चूर्ण: मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में सहायक है।
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गिलोय रस: सूजन और दर्द में राहत देता है।
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त्रिफला चूर्ण: शरीर से विषैले तत्वों को निकालता है।
इनका सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि आपको निम्न समस्याएँ महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें—
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दर्द लगातार बढ़ रहा हो।
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हाथ या पैर में झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो।
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गर्दन हिलाने में कठिनाई हो।
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सिरदर्द या चक्कर बार-बार आते हों।
डॉक्टर एक्स-रे, MRI या CT स्कैन के माध्यम से समस्या की गहराई जांच सकते हैं और उचित इलाज दे सकते हैं।
सर्वाइकल से बचाव के उपाय
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रोजाना हल्का व्यायाम करें।
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सही मुद्रा में बैठें और काम करें।
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लंबे समय तक मोबाइल देखने से बचें।
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समय-समय पर ब्रेक लें और गर्दन स्ट्रेच करें।
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पोषक आहार और पर्याप्त पानी लें।
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तनावमुक्त रहने के लिए ध्यान या प्राणायाम करें।
सर्वाइकल दर्द कोई मामूली समस्या नहीं है, लेकिन अगर सही समय पर ध्यान दिया जाए तो इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। सही मुद्रा, संतुलित आहार, योग और घरेलू उपायों से आप इस दर्द से राहत पा सकते हैं। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो चिकित्सकीय सलाह लेना सबसे बेहतर विकल्प है।