अमिताभ बच्चन, जिन्हें हिंदी सिनेमा का ‘शहंशाह’ कहा जाता है, भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक हैं। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। उनके पिता, हरिवंश राय बच्चन, एक प्रसिद्ध हिंदी कवि थे और उनकी माता, तेजी बच्चन, एक समाजसेवी थीं। अमिताभ बच्चन ने अपने जबरदस्त अभिनय, बेहतरीन संवाद अदायगी और दमदार व्यक्तित्व से सिनेमा जगत में एक अलग पहचान बनाई है।
अमिताभ बच्चन का पारिवारिक वृक्ष
अमिताभ बच्चन का परिवार हिंदी फिल्म उद्योग में गहरी जड़ें रखता है। उनका परिवार एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली बॉलीवुड खानदान बन चुका है। आइए, उनके पारिवारिक वृक्ष पर नजर डालते हैं:
1. माता-पिता:
- हरिवंश राय बच्चन – प्रसिद्ध हिंदी कवि, जिन्होंने “मधुशाला” जैसी कालजयी रचनाएँ लिखीं।
- तेजी बच्चन – समाजसेवी और गृहिणी, जो कला और संस्कृति से जुड़ी रहीं।
2. अमिताभ बच्चन और उनका परिवार:
- पत्नी: जया बच्चन (अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ)
- बेटा: अभिषेक बच्चन (अभिनेता)
- बहू: ऐश्वर्या राय बच्चन (अभिनेत्री और पूर्व मिस वर्ल्ड)
- पोती: आराध्या बच्चन
3. उनके भाई और परिवार:
- अजीताभ बच्चन – अमिताभ बच्चन के छोटे भाई, जो फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहे।
- श्वेता बच्चन नंदा – अमिताभ की बेटी, जिन्होंने बॉलीवुड में कदम नहीं रखा लेकिन एक सफल लेखिका और व्यवसायी हैं।
- निखिल नंदा – श्वेता बच्चन के पति और प्रसिद्ध उद्योगपति।
- नव्या नवेली नंदा और अगस्त्य नंदा – अमिताभ बच्चन के नाती-नातिन। अगस्त्य नंदा जल्द ही बॉलीवुड में डेब्यू कर सकते हैं।
अमिताभ बच्चन का फिल्मी करियर
अमिताभ बच्चन का फिल्मी सफर संघर्ष से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और अभिनय कौशल से सफलता की बुलंदियों को छू लिया।
शुरुआती संघर्ष और पहला ब्रेक
अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत 1969 में फिल्म “सात हिंदुस्तानी” से की, जो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रही। इसके बाद उन्हें 1971 में राजेश खन्ना के साथ “आनंद” फिल्म में सहायक भूमिका निभाने का मौका मिला, जिसने उनके अभिनय को पहचान दिलाई। इस फिल्म में उनके डायलॉग “बाबू मोशाय” को खूब सराहा गया।
एंग्री यंग मैन की छवि
1973 में आई “जंजीर” ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बना दिया। इस फिल्म में उन्होंने इंस्पेक्टर विजय का किरदार निभाया, जिसने उन्हें “एंग्री यंग मैन” की छवि दी। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें “शोले” (1975), “दीवार” (1975), “डॉन” (1978), “त्रिशूल” (1978), “मुकद्दर का सिकंदर” (1978) और “काला पत्थर” (1979) शामिल हैं।
1980 का दशक – सुपरस्टार का दबदबा
अमिताभ बच्चन 1980 के दशक में बॉलीवुड के सबसे बड़े स्टार बन चुके थे। उन्होंने “सत्ते पे सत्ता” (1982), “नमक हलाल” (1982), “कुली” (1983), “शराबी” (1984) और “मर्द” (1985) जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।
1990 का दशक – असफलता और वापसी
1990 के दशक में अमिताभ बच्चन की कुछ फिल्में फ्लॉप रहीं, जिससे उनका करियर ढलान पर आ गया। उन्होंने 1992 में “खुदा गवाह” जैसी बड़ी फिल्म दी, लेकिन उसके बाद वे कुछ समय तक फिल्मों से दूर रहे। 1996 में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी ABCL (Amitabh Bachchan Corporation Ltd.) शुरू की, लेकिन यह सफल नहीं रही।
2000 का दशक – जबरदस्त वापसी
अमिताभ बच्चन ने 2000 में फिल्म “मोहब्बतें” से धमाकेदार वापसी की, जिसमें उन्होंने एक सख्त शिक्षक का किरदार निभाया। उसी साल उन्होंने टीवी शो “कौन बनेगा करोड़पति” (KBC) की मेजबानी शुरू की, जिसने उन्हें फिर से लोकप्रिय बना दिया।
इसके बाद उन्होंने “बागबान” (2003), “ब्लैक” (2005), “बंटी और बबली” (2005), “सरकार” (2005), “पा” (2009) जैसी हिट फिल्में दीं।
2010 और उसके बाद का करियर
अमिताभ बच्चन आज भी फिल्मों और टीवी पर सक्रिय हैं। उन्होंने “पीकू” (2015), “पिंक” (2016), “102 नॉट आउट” (2018), “बदला” (2019), और “गुडबाय” (2022) जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया। वह आज भी “कौन बनेगा करोड़पति” के होस्ट के रूप में बेहद लोकप्रिय हैं।
अमिताभ बच्चन का बॉलीवुड में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने न केवल अपने दमदार अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि उनके परिवार के सदस्य भी फिल्म इंडस्ट्री का अहम हिस्सा बन चुके हैं। उनका सफर संघर्ष, मेहनत और सफलता की अनोखी मिसाल है। 80 वर्ष की उम्र में भी वे निरंतर काम कर रहे हैं और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।