2025 की ताज़ा रिपोर्टों के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति बहुत बड़ी है। Hurun Rich List 2025 के अनुसार, अंबानी परिवार की संपत्ति ₹9.55 लाख करोड़ (9.55 लाख करोड़ रुपये) है।
वहीं, Forbes India Rich List 2025 में उनकी नेट वर्थ $105 बिलियन बताई गई है।
हालाँकि, वैश्विक स्तर पर Forbes की दुनिया की अरबपतियों की सूची में उनकी रैंक में गिरावट आई है — 2025 में उनकी संपत्ति $92.5 बिलियन आंकी गई है, जो पिछले साल की $116 बिलियन की तुलना में कम है।
इन आंकड़ों से यह साफ़ झलकता है कि अंबानी की दौलत सिर्फ रूपये में ही नहीं, बल्कि डॉलर में भी अरबों में है — और यह अभी भी उन्हें भारत के सबसे धनी व्यवसायियों की कतार में बनाए रखती है।
संपत्ति का स्रोत और संरचना
मुकेश अंबानी की संपत्ति का बड़ा हिस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) से आता है। रिलायंस एक बहुत बड़ा समूह है, जिसका व्यवसाय तेल-गैस, पेट्रोकेमिकल्स, रिटेल, दूरसंचार (Jio), मीडिया और अन्य क्षेत्रों में फैला हुआ है।
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तेल और पेट्रोल–केमिकल: रिलायंस की शुरूआत पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनिंग व्यवसाय से हुई थी। यह पारंपरिक क्षेत्र आज भी उनकी आय का एक मजबूत स्रोत है।
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रिटेल: रिलायंस रिटेल भारत में महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। उनका स्टोर नेटवर्क बहुत विस्तृत है, जिससे उपभोक्ताओं तक पहुँच बनती है और आय में वृद्धि होती है।
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टेलीकॉम – “Jio”: Jio ने भारत में दूरसंचार क्रांति लाने में बड़ा रोल निभाया है। डेटा और इंटरनेट सेवाओं के विस्तार ने रिलायंस को डिजिटल क्षेत्र में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बना दिया है।
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नई तकनीक और “डीप टेक”: मुकेश अंबानी ने रिलायंस के व्यवसाय को पारंपरिक उद्योग से आगे बढ़ाकर क्लीन एनर्जी, जेनेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे आधुनिक क्षेत्रों में भी विस्तारित किया है। अन्य संपत्तियाँ: अंबानी परिवार की व्यक्तिगत संपत्तियाँ, निवेश और अन्य व्यावसायिक इकाइयाँ भी उनके समग्र वित्तीय मूल्य में योगदान करती हैं।
संपत्ति में हालिया उतार-चढ़ाव
मुकेश अंबानी की दौलत में हाल के समय में कुछ उतार-चढ़ाव देखा गया है। जैसे कि:
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मुद्रा और बाज़ार अस्थिरता
उनकी संपत्ति में कमी का एक बड़ा कारण रुपया का कमजोर होना और शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव है। Forbes India की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दोनों कारक उनके कुल नेट वर्थ को प्रभावित कर रहे हैं। -
संपत्ति में गिरावट
Hurun रिपोर्ट के मुताबिक़, कुल संपत्ति में लगभग 6% की गिरावट आई है। -
फॉर्ब्स की वैश्विक रैंकिंग में बदलाव
वे 2024 में शीर्ष 10 अरबपतियों में शामिल थे, लेकिन 2025 में उनकी रैंकिंग गिरकर 18वीं हो गई है।
ये सभी संकेत देते हैं कि भले ही उनकी संपत्ति बहुत बड़ी हो, लेकिन यह स्थिर नहीं है और आर्थिक, बाज़ार-संबंधी दबावों का असर साफ़ दिखता है।
आर्थिक शक्ति और असर
मुकेश अंबानी की संपत्ति सिर्फ उनके आर्थिक “स्टैटस” को दर्शाती नहीं है, बल्कि यह भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी शक्ति और प्रभाव का भी आईना है:
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रिलायंस का आर्थिक योगदान: रिलायंस इंडस्ट्रीज न सिर्फ एक बड़ा व्यापार समूह है, बल्कि वह भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसके तेल, रिटेल, डिजिटल और अन्य व्यवसायों से होने वाली आय का असर कई उद्योगों पर पड़ता है।
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निवेश में नेतृत्व: अंबानी ने पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़कर पोलराइज़िंग क्षेत्रों — क्लीन एनर्जी, AI आदि — में निवेश किया है। यह न सिर्फ उनकी कंपनी को भविष्य-उन्मुख बनाता है, बल्कि भारत की “नई अर्थव्यवस्था” में योगदान देता है।
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रोज़गार: रिलायंस समूह बहुत बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी देता है — रिटेल स्टोर्स, Jio नेटवर्क, फैक्ट्रियाँ, ऑफिस — जिससे व्यापक स्तर पर रोज़गार सृजन में योगदान होता है।
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वैश्विक पहचान: उनकी संपत्ति और ग्रोथ उन्हें सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक दुनिया में भी एक प्रमुख शख्सियत बनाती है।
चुनौतियाँ और भविष्य की राह
मुकेश अंबानी के सामने कुछ मुख्य चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ हैं:
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मूल्य अस्थिरता: जैसे कि पहले उल्लेख किया गया, मुद्रा कमजोरी और बाज़ार उतार-चढ़ाव उनकी संपत्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
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नियम और नीतियाँ: व्यावसायिक नियमों, टैक्स नीतियों और पर्यावरण संबंधी नियमों में बदलाव उनकी कंपनियों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
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स्पर्धा: दूरसंचार, रिटेल और ऊर्जा क्षेत्रों में स्पर्धा बहुत तेज़ है। अन्य कंपनियाँ भी इन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही हैं।
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नवीनतम कारोबार में विस्तार: हालांकि अंबानी ने AI और क्लीन एनर्जी जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों में कदम रखा है, लेकिन इन क्षेत्रों में बाज़ार और तकनीकी चुनौतियाँ अधिक होती हैं। उन्हें संतुलन बनाकर निवेश करना होगा ताकि जोखिम और लाभ दोनों को नियंत्रित किया जा सके।
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समाज-उत्तरदायित्व: इतने बड़े आर्थिक साम्राज्य के साथ, जनहित, पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारियाँ भी बढ़ जाती हैं। एक संतुलित दृष्टिकोण उनकी दीर्घकालीन सफलता के लिए आवश्यक होगा।
मुकेश अंबानी की संपत्ति न सिर्फ संख्या में बेहद बड़ी है, बल्कि यह भारत की आर्थिक शक्ति और उद्योग-दुनिया में उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। उनकी दौलत का स्रोत विविध है — पारंपरिक तेल और रिटेल से लेकर आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी तक।
हालाँकि हाल के समय में उनकी संपत्ति में कुछ गिरावट देखी गई है, लेकिन उनकी दृष्टि दूरदर्शी और व्यावसायिक रणनीति मजबूत रही है। क्लीन एनर्जी, AI और अन्य भविष्य-उन्मुख व्यवसायों में निवेश उन्हें केवल वर्तमान नहीं, बल्कि भविष्य में भी भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है।
मुकेश अंबानी की संपत्ति और व्यापार साम्राज्य यह दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति न सिर्फ एक कंपनी बल्कि पूरे देश की आर्थिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।