सावन व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है और सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु उपवास रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। यह व्रत आत्मिक शुद्धि, इच्छाओं की पूर्ति और सौभाग्य प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। विशेषकर महिलाएं इस व्रत को अच्छे जीवनसाथी और परिवार के सुख-शांति के लिए करती हैं। सावन माह की शीतलता, हरियाली और भक्ति-भावना से यह व्रत अत्यंत दिव्य और फलदायी हो जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह की गणना चंद्र मास के अनुसार की जाती है। साल 2025 में सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से हो रही है और यह 9 अगस्त 2025 (शनिवार) तक रहेगा।
सावन सोमवार से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं:
-
भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यंत प्रिय है।
-
सावन में जल अर्पण करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, ग्रह पीड़ा आदि का नाश होता है।
-
यह व्रत मनोकामना पूर्ति, विवाह बाधा निवारण, धन-समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी है।
एक बार एक निर्धन ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने संतान प्राप्ति हेतु सावन के सोमवार का व्रत करना शुरू किया। उन्होंने पूरी श्रद्धा और नियम से 16 सोमवार का व्रत किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें सुंदर पुत्र की प्राप्ति करवाई।
इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि सावन सोमवार का व्रत ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है।
-
सावन व्रत से व्यक्ति में संयम, साधना और भक्ति की भावना जागृत होती है।
-
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप इस माह में अत्यंत फलदायक होता है।
-
यह व्रत आत्मिक शुद्धि, मानसिक शांति, और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
व्रत में ध्यान रखने योग्य बातें:
-
व्रत के दिन क्रोध, झूठ, अपवित्रता और हिंसा से दूर रहें।
-
दूसरों की निंदा न करें और अधिक से अधिक दानी व सेवाभावी बनें।
-
हो सके तो शिवपुराण या रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करें।
-
शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल या दूध अर्पित करें।
महिलाओं के लिए विशेष मान्यता:
-
कुंवारी कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर के लिए करती हैं।
-
विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन हेतु इस व्रत का पालन करती हैं।
-
कुछ महिलाएं पूरे सावन माह हर सोमवार को उपवास करती हैं, जबकि कुछ महिलाएं केवल सोलह सोमवार व्रत (Solah Somvar) करती हैं, जो सावन से ही प्रारंभ किया जाता है।
सावन सोमवार से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं:
-
भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यंत प्रिय है।
-
सावन में जल अर्पण करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, ग्रह पीड़ा आदि का नाश होता है।
-
यह व्रत मनोकामना पूर्ति, विवाह बाधा निवारण, धन-समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी है।
निष्कर्ष (Conclusion):
सावन के सोमवार आस्था, श्रद्धा और भगवान शिव के प्रति प्रेम का प्रतीक हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक लाभ देता है, बल्कि आत्मिक शांति, अनुशासन और संयम का भी मार्ग दिखाता है। यदि आप इस व्रत को सच्ची निष्ठा और विधिपूर्वक करते हैं, तो भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करेंगे।