दिल्ली में 1 नवंबर 2025 से गैर-BS6, गैर-CNG, और गैर-इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान 2025’ के तहत घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से केवल BS6, CNG, या इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। यह निर्णय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
प्रमुख बिंदु:
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प्रतिबंधित वाहन: BS6 मानकों से नीचे, CNG या इलेक्ट्रिक नहीं होने वाले सभी वाणिज्यिक वाहन।
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लागू तिथि: 1 नवंबर 2025 से।
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उद्देश्य: वायु प्रदूषण को कम करना और स्वच्छ, हरित दिल्ली की दिशा में कदम बढ़ाना।
सरकार की योजना और उपाय:
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इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार:
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दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर 2,299 इलेक्ट्रिक ऑटो की तैनाती।
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शॉपिंग मॉल्स, ट्रांजिट हब्स, और व्यावसायिक क्षेत्रों में 18,000 सार्वजनिक और अर्ध-सरकारी EV चार्जिंग पॉइंट्स की स्थापना।
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प्रौद्योगिकी का उपयोग:
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बॉर्डर एंट्री पॉइंट्स और पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों की स्थापना, जो पुराने और प्रतिबंधित वाहनों की पहचान करेंगे।
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अन्य उपाय:
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क्लाउड सीडिंग तकनीक के माध्यम से कृत्रिम वर्षा की योजना, जिसके लिए IIT कानपुर के साथ समझौता किया गया है।
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बड़े व्यावसायिक भवनों में एंटी-स्मॉग गनों की अनिवार्यता।
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प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों का हर छह महीने में ऑडिट।
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वाहन मालिकों के लिए दिशा-निर्देश:
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BS6, CNG, या EV वाहन मालिक: आपके वाहन दिल्ली में प्रवेश के लिए मान्य होंगे।
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अन्य वाहन मालिक: 1 नवंबर 2025 से पहले अपने वाहन को BS6 मानकों के अनुरूप अपग्रेड करें या CNG/इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तन करें।
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सरकारी पंजीकरण: दिल्ली में पंजीकृत पुराने वाणिज्यिक वाहनों के लिए विशेष छूट की कोई घोषणा नहीं की गई है; सभी को नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
दिल्ली सरकार की दीर्घकालिक दृष्टि:
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “हमारा सपना है – स्वच्छ दिल्ली, हरित दिल्ली, स्वस्थ दिल्ली।” इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल वायु प्रदूषण को कम करना चाहती है, बल्कि दिल्ली को एक सतत और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाना चाहती है।
दिल्ली सरकार का यह कदम वायु प्रदूषण के खिलाफ एक निर्णायक प्रयास है। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा। वाहन मालिकों और व्यापारियों को चाहिए कि वे समय रहते आवश्यक परिवर्तन करें और इस पहल में सहयोग दें।