कोविड-19 की वापसी: भारत में नई लहर की दस्तक

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By Nikita Rathor

भारत में अप्रैल 2025 के बाद से कोविड-19 के नए मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। कुछ राज्यों में स्थिति अधिक गंभीर हो चुकी है, जैसे कि महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु। इन राज्यों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है और टेस्टिंग दर में भी इज़ाफा हुआ है। इंडिया में बढ़ते Covid-19 के एक्टिव केस पहुँचे 257 पार |

Covid-19

यह स्थिति ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स जैसे XBB.1.16, BA.2.86 और अन्य के कारण उत्पन्न हुई है, जो पहले के वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक बताए जा रहे हैं। हालांकि इन वैरिएंट्स से गंभीरता कुछ कम है, लेकिन यदि समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो यह भी भयावह रूप ले सकता है।

मामलों में वृद्धि के संभावित कारण

  1. लापरवाही और मास्क का उपयोग न करना
    जब मामलों में गिरावट आई, तो लोगों ने मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना बंद कर दिया। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ फिर से सामान्य हो गई।

  2. त्योहार और विवाह समारोह
    देश में विवाहों और त्योहारों का मौसम चल रहा है, जिसमें लोग बड़े स्तर पर एकत्र होते हैं। इससे संक्रमण फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

  3. कम टेस्टिंग और ट्रेसिंग
    मामलों के घटने के साथ-साथ टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी कम कर दी गई थी। इससे संक्रमण का वास्तविक स्तर पता नहीं चल पाया।

  4. नए वैरिएंट का आगमन
    वायरस समय के साथ म्यूटेट हो रहा है और इसके नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जो अधिक तेजी से फैलते हैं।

सरकार की तैयारियाँ और कदम

केंद्र और राज्य सरकारें इस बार अधिक सतर्क दिखाई दे रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट मोड में रहने और आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। कुछ मुख्य कदम इस प्रकार हैं:

  • अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना

  • टेस्टिंग दर बढ़ाना

  • हवाई अड्डों और सीमाओं पर थर्मल स्कैनिंग और रैंडम टेस्टिंग

  • वैक्सीनेशन अभियान को फिर से सक्रिय करना

  • राज्यों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने की सलाह देना

टीकाकरण की स्थिति

भारत में अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं, लेकिन बूस्टर डोज़ लेने वाले लोगों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। कई लोगों ने टीकाकरण के बाद लापरवाही बरतनी शुरू कर दी, जो इस समय नुकसानदायक साबित हो सकती है। सरकार अब बूस्टर डोज़ पर ध्यान केंद्रित कर रही है और लोगों को इसे लेने के लिए प्रेरित कर रही है।

आम जनता की भूमिका

कोविड-19 से लड़ाई सिर्फ सरकार या स्वास्थ्यकर्मियों की नहीं है, इसमें आम जनता की जिम्मेदारी सबसे बड़ी है। अगर हर व्यक्ति कुछ सरल नियमों का पालन करे तो इस संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है। ये नियम हैं:

  • मास्क का अनिवार्य प्रयोग

  • भीड़-भाड़ से बचना

  • बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइज़र का उपयोग

  • लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क

  • कोविड टेस्ट करवाना और आइसोलेशन में रहना

  • समय पर बूस्टर डोज़ लगवाना

भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ना निश्चित रूप से चिंता का विषय है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें पहले की तरह सतर्कता बरतने की जरूरत है। अगर सरकार, स्वास्थ्य विभाग और आम नागरिक मिलकर इस चुनौती का सामना करें, तो इस बार इसे बड़ी समस्या बनने से रोका जा सकता है।

“सतर्कता ही सुरक्षा है” – इस मंत्र को अपनाते हुए हम फिर से इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।


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