भारत की सैन्य शक्ति में महिलाओं की भागीदारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर ने इस तथ्य को और भी मजबूती से स्थापित किया, जब दो महिला अधिकारी — विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी — ने इस महत्वपूर्ण मिशन में नेतृत्व की भूमिका निभाई। इनकी वीरता और नेतृत्व क्षमता ने न केवल सैन्य जगत में, बल्कि पूरे देश में महिलाओं के सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा।
ऑपरेशन सिंदूर: मिशन का उद्देश्य
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर की गई एक सटीक और योजनाबद्ध हवाई कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना और भविष्य में ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति को रोकना था।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह: आकाश की बेटी
व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना की एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के दुर्गम क्षेत्रों में उड़ाया है। 2020 में अरुणाचल प्रदेश में एक जटिल बचाव मिशन का नेतृत्व कर उन्होंने अपनी साहसिकता और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। उनके पास 2,500 से अधिक उड़ान घंटे का अनुभव है
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, विंग कमांडर सिंह ने मीडिया को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे “निशाना साधने वाली तकनीक” का उपयोग कर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया, जबकि नागरिक क्षेत्रों को नुकसान से बचाया गया। उनकी स्पष्ट और आत्मविश्वास से भरी प्रस्तुति ने उन्हें पूरे देश में एक प्रेरणास्रोत बना दिया।
कर्नल सोफिया कुरैशी: संचार की विशेषज्ञ
कर्नल सोफिया कुरैशी, भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं। वह 1994 में सेना में शामिल हुईं और 2016 में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में एक पुरुष-प्रधान भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। उन्होंने साइबर रक्षा और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, कर्नल कुरैशी ने मीडिया ब्रीफिंग में ऑपरेशन की रणनीति और सफलता की जानकारी दी। उनकी प्रस्तुति में उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय सेना ने सीमित समय में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया और किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और संचार कौशल ने उन्हें एक आदर्श सैन्य अधिकारी के रूप में स्थापित किया।
मीडिया ब्रीफिंग: एक ऐतिहासिक क्षण
ऑपरेशन सिंदूर के बाद, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने संयुक्त रूप से मीडिया को ऑपरेशन की जानकारी दी। यह पहली बार था जब दो महिला अधिकारियों ने एक साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन पर मीडिया को जानकारी दी। उनकी प्रस्तुति में आत्मविश्वास, स्पष्टता और पेशेवर दक्षता की झलक थी, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
सामाजिक और राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर #OperationSindoor और #NariShakti जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लोगों ने इन दोनों अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा:
“भारत की बेटियां अब सिर्फ सीमाओं की रक्षक नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत हैं।”
इनकी वीरता और नेतृत्व ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि यह महिलाओं की शक्ति और क्षमता का प्रतीक बन गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाओं को अवसर और विश्वास दिया जाए, तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं। इनकी कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।