हल्दी दूध, जिसे ‘गोल्डन मिल्क’ भी कहा जाता है, भारतीय आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण पेय माना जाता है। हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन (Curcumin) तत्व के कारण यह एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह न केवल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है, बल्कि विभिन्न बीमारियों से भी बचाव करता है।
हल्दी दूध पीने के फायदे
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है – हल्दी दूध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
- संधि और हड्डियों के लिए फायदेमंद – इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और हड्डियों की मजबूती के लिए लाभकारी होते हैं।
- त्वचा के लिए फायदेमंद – हल्दी दूध का नियमित सेवन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
- पाचन में सुधार करता है – यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस, अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है।
- अच्छी नींद लाने में मददगार – रात को हल्दी दूध पीने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
- डायबिटीज और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी – हल्दी का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
हल्दी दूध पीने का सही तरीका
- दूध का चयन करें – गाय का दूध सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर आप लैक्टोज इनटॉलरेंट हैं तो आप बादाम, सोया या नारियल का दूध भी ले सकते हैं।
- हल्दी की मात्रा सही रखें – एक गिलास दूध में 1/4 से 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाना पर्याप्त होता है। अधिक मात्रा लेने से पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
- अन्य सामग्री मिला सकते हैं – स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए शहद, काली मिर्च, दालचीनी, इलायची, या अदरक मिलाया जा सकता है।
- खाने के बाद या सोने से पहले पिएं – हल्दी दूध रात में सोने से पहले पीना सबसे अधिक लाभदायक होता है।
- गर्म दूध में हल्दी मिलाएं – हल्दी को उबलते हुए दूध में मिलाने से इसके पोषक तत्व कम हो सकते हैं, इसलिए हल्का गर्म दूध सबसे उपयुक्त होता है।
सावधानियाँ
- गर्भवती महिलाओं को अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
- ब्लड शुगर कम करने की दवा लेने वालों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपको हल्दी से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
हल्दी दूध एक प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक पेय है जिसे सही मात्रा और विधि से लेने पर अनेक लाभ मिल सकते हैं। नियमित सेवन से आप अपने शरीर को अंदर से मजबूत बना सकते हैं और विभिन्न बीमारियों से बच सकते हैं।